डाउनलोड पीडीऍफ़ उत्प्रेक्षा अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित
आप सभी का हमारे ब्लॉग पर स्वागत है आज की अपनी इस पोस्ट में हमने उत्प्रेक्षा अलंकार के सरल उदाहरण परिभाषा सहित समझने की कोशिश की है अगर आप लोग भी हिंदी व्याकरण के स्टूडेंट है तो ये पोस्ट आपके लिए है।
चलिए अब बिना टाइम वास्ते किये बिना उत्प्रेक्षा अलंकार परिभाषा पर नज़र डाल लेते है :
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उत्प्रेक्षा अलंकार के 20 उदाहरण |
उत्प्रेक्षा अलंकार परिभाषा
उत्प्रेक्षा अलंकार को एक छंदशास्त्रीय अलंकार के रूप में परिभाषित किया जाता है जो किसी शब्द के अगले शब्दों में दोहरी अर्थ प्रकट करता है। इस अलंकार में, एक शब्द के दो अर्थ उदाहरण, वास्तविक और अलंकृत, प्रस्तुत किए जाते हैं, जिससे उसका व्यापक अर्थ प्रकट होता है। इस अलंकार का उपयोग कविता, गीत, और अन्य साहित्यिक कृतियों में उदाहरण के रूप में किया जाता है।
चलिए अब इस परिभाषा का उपयोग करके उत्प्रेक्षा अलंकार के कुछ उदाहरण देखते है।
उत्प्रेक्षा अलंकार के 20 उदाहरण
- आदमी जोड़ों में होने से अधिक वजनवाला हो गया।
इस उदाहरण में "जोड़ों में" और "अधिक वजनवाला" शब्दों के द्वारा उत्प्रेक्षा अलंकार को दिखाया गया है।
- पतंग उड़ने लगी, स्वर्ग धरती से मिल गया
- दिल टूटा, ख्वाब सपने में बिखर गए।
- बादल बरसे, जलधारा निकली।
- चाँदनी रात, मन मोहिनी बात।
- सूरज कभी धूप, कभी छाँव में चमकता है।
- आँधी आई, पत्तियाँ उड़ गईं।
- प्रेम ने मन में आग लगा दी, दिल में धधकती हुई आग जलने लगी।
- बालक अपनी आँखों से रोता है, मां का दूध पीने के लिए रोता है।
- पुस्तकें दिल के द्वार खोलती हैं, ज्ञान की झाँकी देती हैं।
- पंछी उड़ने लगे, स्वर्ग की ओर बढ़ने लगे।
- पेड़ झूले, पत्तियाँ गिरने लगीं।
- सुनहरा रंग धरती को सजा रहा है, गुलाबों की महक महका रहा है।
- समय की दीवार ने स्नेह की दीवार को तोड़ दिया।
- चिड़िया गाती, आसमान रोमांचक सुनता है।
- दिल बच्चे, पर्वतों को हिला देता है।
- सपना साकार होता है, रात्रि में चांदनी फैलती है।
- समुंदर गहरा है, समुंदर का रंग नीला है।
- बिजली चमक गई, अंधेरा हट गया।
- विद्या ज्ञान की दीपक जलता है, अज्ञान की अंधकार दूर होता है।
निष्कर्ष
उम्मीद है हमारे द्वारा दि गयी उत्प्रेक्षा अलंकार परिभाषा और उत्प्रेक्षा अलंकार के 20 उदाहरण आप सभी को समझ आये होंगे लकिन फिर भी किसी स्टूडेंट को कोई दिकत है आप हमे निचे कमेंट कर सकते है।
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